वैसे तो दिन में सोना वर्जित है पर आयुर्वेद के अनुसार इन लोगों के लिए दिन में सोना निषेध नहीं है -
१) अति अध्ययन या अति मानसिक कार्य से थके हुए लोग,
२) जिसे वमन या अतिसार हुआ हो,
३) जो शारीरिक श्रम करता हो अथवा पैदल यात्रा करता हो,
४) जसका भोजन अच्छे से पच गया हो,
५) जिसे फेफड़ों की बीमारी हो या श्वासरोग से ग्रस्त हो,
६) जिसे चोट लगी हो,
७) जो पागल हो,
८) जो नियमित रात्रिजागरण करता हो जैसे प्रहरी सैनिक इत्यादि,
९) जो भय, क्रोध आदि मनोवेगों से गंभीर रूप से ग्रस्त हो,
१०) छोटे बच्चे एवं वृद्ध।
उपरोक्त अवस्थाओं वाले व्यक्ति दिन में सो सकते हैं। ऐसे व्यक्ति यदि दिन में सोते हैं तो उनकी धातुएं सम हो जाती हैं एवं शरीर में बल एवं क्षमत्व की वृद्धि होती है।
इसके अतिरिक्त ग्रीष्म ऋतु में प्रत्येक व्यक्ति को दिन में निद्रा सेवन करना चाहिए क्योंकि ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की किरणें शरीर से जल का शोषण करती हैं परिणामतः शरीर में सूखेपन के कारण वायु का संचय होने लगता है। ऐसे में जब गर्मियों में व्यक्ति दिन में सोता है तो कफ की वृद्धि होती है और वायु का शमन होता है।
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