1 जुल॰ 2015

मोटापा दूर करें



साधारणतः मोटापे की पहचान है कि जितने इंच ऊंचाई हो उतने ही किलोग्राम वज़न होना चाहिए इससे कम होने पर पतला और अधिक होने पर मोटा कहा जायेगा।

बचपन में दौड़भाग करते रहने के कारण शरीर में फालतू चर्बी जमा नहीं हो पाती लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं शारीरिक श्रम के आभाव में शरीर पर चर्बी जमा होने लगती है। चर्बी के कारण रक्त संचार में बाधा उत्पन्न होती है एवं रक्तवाहिनियों में वसा के कारण कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है जिससे बी.पी. एवं हृदयरोग घर कर जाते हैं। रक्त संचार कम होने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है और तमाम बीमारियों का खतरा पैदा हो जाता है।

मोटापा दूर करने या इससे बचने के दो उपाय हैं, पहला है - भोजन सुधार और दूसरा है - प्रतिदिन शारीरिक श्रम। जिन पदार्थों में कार्बोहायड्रेट अधिक हो उन्हें त्याग दें जैसे तेल, घी, आलू, शकरकंद और चीनी। सुबह जल्दी उठकर एक गिलास गुनगुने पानी में एक नीम्बू और 1 से 2 चम्मच शहद मिलकर नित्य पियें। इसके बाद शौच के लिए जाएं। फिर 3 से 4 किलोमीटर टहलें और हल्का व्यायाम करें।

नाश्ते में पराठें, ब्रैड, सीरियल या पोहे की जगह रसदार फल खाएं और मख्खन निकला मट्ठा पियें।

दोपहर और रात के भोजन में गेंहू की जगह जौं के आटे की एक-दो रोटी लें, उबली या कम घी में फ़्राय सब्ज़ी तथा सूप लें। डब्बाबंद तेल का प्रयोग कभी ना करें।

खाने के तुरंत बाद पानी पीने से भी मोटापा बढ़ता है क्यूंकि इससे जठराग्नि मंद होती है और शरीर खाने को ऊर्जा की बजाय चर्बी में बदल देता है।

क्रोध, चिंता और शोक ये स्वास्थ्य और सौंदर्य का नाश करते हैं अतः इनसे बचें।

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