8 अग॰ 2018

सुसाइड जैसे ख्यालों से उबरकर सफल होने की कहानी

मिलिए प्रशांत लिंगम से। उनकी कहानी एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी है जिसे हर उस आदमी को सुनना चाहिए जो समझते हैं कि उनके साथ सिर्फ बुरा ही होता चला आया है और ज़िंदगी उन्हें कभी अच्छे दिन नहीं दिखाने वाली। प्रशांत लिंगम आज सफल व्यवसायी हैं जिनका स्टार्टअप आज एक करोड़ का टर्नओवर पार कर चुका है लेकिन उन्होंने कभी ऐसे भी दिन देखे जब उनपर 60 लाख का कर्ज़ा हो चुका था।



हममें से हर कोई किसी ना किसी सपने के साथ बड़ा होता है लेकिन दुनिया की भेड़चाल में चलना सबकी मज़बूरी बन जाता है लेकिन कुछ बिरले ही होते हैं जो लीक से हटकर अपने सपने को साकार करने की ठान लेते हैं और तब तक रुकने का नाम नहीं लेते जब तक की सफलता उन्हें मिल नहीं जाती।

ऐसा ही कुछ प्रशांत ने भी सोचा। उनका बिज़नेस आईडिया था बांसों का उपयोग कर घर बनाने का। यह विचार उनके मन में घर कर गया और वे निकल पड़े इस बिज़नेस को सफल बनाने में। लेकिन यह उनके लिए इतना आसान नहीं था।

वे बताते हैं कि आर्थिक रूप से उन्हें इतनी तंगी का सामना करना पड़ा कि जो भी कुछ 10-20 रूपए होते थे उसमें वो पत्नि-बच्चे सहित दिन में एक बार ही खाना खा पाते थे लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। पत्नि की बीमारी के चलते उनपर 60 लाख का क़र्ज़ हो गया। दिमाग में आत्महत्या जैसे ख्याल आने लगे लगे लेकिन उन्होंने जीवन में सकारात्मकता बनाए रखी और जो सामने था उसे ईमानदारी से निभाते चले गए। अपने सपने को साकार करने के लिए उन्होंने मेहनत करना कभी नहीं छोड़ा।

उनकी मेहनत रंग लायी और आज उनका स्टार्टअप एक सफल बिज़नेस मॉडल बन चुका है। उनके द्वारा बनाये जाने वाले बांस के घर की मांग ना सिर्फ में भारत से बल्कि दुनिया के अन्य देशों से भी आने लगी है।





किसी के गार्डन के लिए ये एक लग्ज़री हैं तो किसी और के लिए यह काम कीमत में आवास उपलब्ध करा रहे हैं।

उनका यह आईडिया पर्यावरण के लिए भी अच्छा है साथ ही साथ इससे बांस की खेती और कलाकारी करने वाले श्रमिकों को भी अच्छा जीवनस्तर मुहैया कराने का साधन बन गया है। बांस दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रजातियों में से एक है। बांस की कुछ नस्लें तो एक दिन में तीन फ़ीट तक बढ़ सकती हैं।

उनका आईडिया यूनिक था। उन्हें इसकी बेहतर और लाभदायक होने पर विश्वास था। उन्होंने इसे अपने कल्पना की दुनिया से उतारकर वास्तविक दुनिया में साकार कर डाला। जीवन के इस उतर-चढ़ाव को भी बखूबी उन्होंने सम्हाला। वे कहते हैं कोशिश करते रहें, यदि एक बार हार भी जाते हैं तो यह पछताने से लाख गुना बेहतर है।

3 जुल॰ 2018

आम के औषधीय गुण व विभिन्न रोगों में आम के प्रयोग



आम फलों का राजा है ये तो हम सब जानते हैं लेकिन इस आम नाम वाले फल के गुण जानकार फिर आप इसे कभी दोबारा आम नहीं समझेंगे। तो आइए जानते हैं आम के औषधीय गुणों के बारे में-

१) पका हुआ मीठा आम शक्तिवर्धक, ठंडा और हृदय को बल प्रदान करने वाला होता है. इसके सेवन से त्वचा सुन्दर साफ़ व चमकदार होती है.

२) पका हुआ मीठा आम जहाँ पित्त को बढ़ाने वाला होता है तो वहीं कच्चा आम पित्त का नाश करने वाला होता है. कच्चे आम के सेवन से भूख बढ़ती है, इससे पाचनशक्ति में इजाफा होता है तथा कब्ज़ दूर होती है.

३) सूखी खांसी को मिटाने के लिए पके हुए आम को गर्म राख में भूनकर खाना चाहिए।

४) अनिद्रा अर्थात नींद ना आने की समस्या में दूध के साथ पके हुए आम का सेवन करना चाहिए।

५) आम के रस में सेंधा नमक और चीनी मिलाकर पीने से भूख बढ़ती है.

६) खून की कमी वाले रोगी को सुबह-शाम एक कप आम के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए।

७) सर दर्द, दिमाग की कमज़ोरी, आँखों के आगे अँधेरा छा जाने जैसी समस्या में २५० मिली पके हुए मीठे आम के रस में ५० मिली गाय का दूध और एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर कांसे की थाली में अच्छी तरह से फेंट लें और जब यह लस्सी जैसा गाढ़ा हो जाये तो इसका सेवन करें। इस प्रयोग से गुर्दे से जुड़ी समस्याओं से भी निजात मिलती है.

८) आम के पत्तों को उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से मुंह की दुर्गन्ध से छुटकारा मिलता है तथा मसूड़े मजबूत होते हैं. आम की गुठली के अंदर से निकलने वाली गिरी को पीसकर उसका मंजन बना कर रख लें. इस मंजन के सेवन से दांतों व मसूड़ों के कई रोगों में आराम मिलता है.

९) यदि बच्चों में मिट्टी खाने की आदत है तो उपरोक्त आम की गिरी के चूर्ण को पानी में मिलाकर बच्चे को २-३ बार नित्य पिलाना चाहिए। इससे पेट के कीड़े भी मर जाते हैं.

१०) आम की गिरी का रस नाक से खून आने की समस्या में बेहद कारगर है. मरीज़ की नाक में १-१ बून्द इस रस में टपकाने से उसे तुरंत आराम मिलता है.

११) मकड़ी के काट लेने पर अथवा शरीर पर मसल जाने पर कच्चे आम के अमचूर को पानी में मिलाकर लगाने से ज़हर का असर नष्ट हो जाता है.

१२) बवासीर एवं रक्तस्राव में आम की गुठली की गिरी का चूर्ण दिन में दो से तीन बार प्रयोग करें।

१३) शरीर के किसी अंग के जल जाने पर आम के पत्तों को जलाकर इसकी राख को अंग पर लगाने से जला हुआ अंग ठीक हो जाता है.


१४) मधुमेह के रोगियों को आम के पत्तों को छांव में सुखाकर उसका चूर्ण बना कर रख लेना चाहिए तथा नित्य इसका २-३ चम्मच सेवन करना चाहिए।

१५) शरीर के सभी अंगों को बल और पोषण करने के लिए आम की चाय का सेवन करना चाहिए। इस चाय को बनाने के लिए आम के १० पत्ते जो पेड़ पर लगे हुए ही पककर पीले हो गए हों उन्हें १ लीटर पानी में थोड़ी इलायची के दाने डालकर उबाल लें और इस पानी के आधा रह जाने पर इसमें दूध और शक्कर डालकर इसका सेवन करें। नित्य इसका सेवन करने से शरीर की कमज़ोरी दूर होती है और पाचन शक्ति में इजाफा होता है.

१६) टीबी के रोग में मरीज़ को एक कप आम के रस में ६० ग्राम शहद मिलाकर दें एवं दिन में तीन बार गाय के दूध का सेवन करायें। इस प्रयोग से १ महीने में ही टीबी के रोग में आराम मिलता है.

१७) एक वर्ष पुराने आम के अचार का तेल सर पर लगाने से बालों की लम्बाई बढ़ती है तथा शुरुआती गंजेपन में लाभ होता है.

१८) हिचकी आने पर आम के गिरे हुए पत्तों को जलाकर उसके धुंए के सेवन से हिचकी आना बंद हो जाती है.

१९) कब्ज़ के रोगी यदि पके हुए मीठे आम के साथ दूध का सेवन करें तो शौच खुलकर आती है.

२०) गठिया के रोग १०० ग्राम आम की गुठलियों को कुचलकर २५० मिली सरसों का तेल में मिलाकर पका लें. इस तेल की मालिश करने से रोगी का दर्द कम होकर रोग में आराम मिलता है.

20 जून 2018

आंखों की पलकों के फड़कने का प्राकृतिक उपचार

Home Remedies For Eye Twitching


कभी-कभी अपने आप हमारी आंखें फड़कने लगती हैं। वैसे तो यह अपने आप में कोई रोग नहीं। कभी-कभी ये होना आम बात है एवं इसके शकुन और अपशकुन का भी विचार किया जाता हैं परन्तु यदि यह सामान्य से अधिक लम्बे समय से आप इस समस्या से ग्रस्त हैं तो इन उपचारों द्वारा इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।

1) १० ग्राम गाय का घी और ४० मिली दूध लेकर उबालें और गुनगुना हो जाने पर इस दूध के साथ ५ ग्राम मिश्री एवं अश्वगंधा नागौरी के चूर्ण का सेवन करें। इस प्रकार से दिन में यदि यह प्रयोग सुबह और शाम को किया जाए तो आँखों का फड़कना बंद हो जाता है।

२) महारास्नादि काढ़े में सौंठ मिलाकर पीने से शरीर के किसी भी अंग के फड़कने की समस्या में आराम मिलता है।

३) त्रिफला के पानी से आँखों को सुबह शाम धोने से आँखों की फड़कने की समस्या में आराम मिलता है।

४) पथरचटा के पत्तों को पीसकर आँखों पर लेप करने से आँखों का फड़कना बंद हो जाता है। पथरचटा आँखों के अन्य रोगों में भी अतिलाभकारी है।

ये सभी उपाय अनुभूत और कारगर हैं। उपरोक्त उपायों के प्रयोग से आप घर पर ही आँखों के फड़कने की समस्या का उपचार कर सकते हैं। इसके अलावा पर्याप्त पानी पियें और कॉफ़ी का सेवन कम से कम करें। पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेना भी इस आँखों के फड़कने का कारण बनता है इसलिए कम से कम ६-८ घंटे की नींद अवश्य लें।

6 जून 2018

5 काम जो फेसबुक पर कभी ना करें



फेसबुक अपने लोगों और दोस्तों से कनेक्ट रहने का अच्छा माध्यम है लेकिन इसके उपयोग में आपको कुछ सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए क्योंकि आखिर हर तकनीकी के एक अच्छे पहलू के साथ उससे जुड़ा एक हानिकारक पहलू भी होता है जिसे ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी है.

• अपनी फ्रेंडलिस्ट में जाकर देखें कि कितने लोगों को आप जानते हैं और उनपे आप भरोसा करते हैं. कई लोग अपने फोटो और पोस्ट पर ज़्यादा लाइक के लिए बहुत सारे दोस्तों को ऐड कर लेते हैं लेकिन इस क्रम में अनजाने लोगों को भी ऐड कर लिया जाता है जोकि आपकी सभी जानकारियों को देख सकता है. कई जानकारी हम सिर्फ अपने दोस्तों के साथ ही साझा करना पसंद करते हैं तो ऐसे में अजनबी को वो जानकारी दिखाने का औचित्य?

इसके अलावा हो सकता है कि किसी ने नकली आईडी बनाकर आपको request भेजी हो जिसे आप पसंद ना करते हों या फिर उसकी असली आईडी को आपने ब्लॉक कर रखा हो.

अजनबियों को ऐड करके आप किसी अपराध का शिकार भी बन सकते हैं. अपराधी भी जालसाजी, ब्लैकमेलिंग, लूट, चोरी आदि अपराधों के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं. आपके फेसबुक डाटा से आपकी दिनचर्या के बारे में पता करना आसान होता है इसलिए किसी भी अजनबी को अपनी फ्रेंडलिस्ट में जगह ना दें.

• यदि आपने अपना बर्थडे पब्लिक कर रखा है तो उसकी privacy setting दोस्तों तक ही सीमित रखें।

• अपने बच्चों की डीटेल्स जैसे उनका स्कूल और फोटोग्राफ्स आदि कभी भी फेसबुक पर ना डालें। यह उनके लिए कभी भी गंभीर खतरा बन सकता है.

• अपना फोन नंबर भी फेसबुक पर ऐड करना कोई ज़रूरी नहीं है. ना ही इसका कोई फायदा आपको होता है. पासवर्ड भूल जाने पर आप अपने ईमेल से अपना अकाउंट एक्सेस कर सकते हैं या फिर आप तीन ऐसे दोस्तों को सेटिंग में सेव कर सकते हैं जो पासवर्ड भूलने पर आपको लॉगिन करवा सकते हैं.

अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पे जाएं https://www.facebook.com/help/119897751441086

• अपनी लोकेशन सर्विस को भी ऑफ करके रखें। नेविगेशन के लिए आपको कोई सोशल मीडिया ऍप्स यूज़ करने की कोई ज़रूरत नहीं है. आप गूगल मैप जैसी सर्विसेज का उपयोग कर सकते हैं.

• अपने ऑफिस के कर्मचारियों खासकर से अपने सीनियर कर्मचारियों को फेसबुक पर ऐड करना भी आपके कम्फर्ट को कम कर सकता है इसलिए उन्हें ऐड करने से पहले आप अपने और उनके व्यावसायिक और पर्सनल सम्बन्ध पर गौर कर लें.

• अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड कभी भी सेव करके ना रखें। इसके लिए आप वर्चुअल कार्ड generate कर सकते हैं. अपनी नेट बैंकिंग जाके में हमेशा अपने किसी भी transaction के लिए OTP अनिवार्य करके रखें। इससे आपके कार्ड से online किसी भी खरीद के लिए आपको पहले आपके मोबाइल पर SMS के ज़रिये एक OTP आएगा उसे डाले बगैर transaction पूरा नहीं होगा।


6 अप्रैल 2018

आँख आने का घरेलू रामबाण इलाज



Conjunctivitis या आँख आना एक ऐसा रोग है जीवन में एक न एक बार सबको होता है. इस रोग में मरीज़ को बहुत कष्ट होता है. आंखें लाल हो जाती हैं और आँखों से गाढ़ा चिपचिपा तरल पदार्थ निकलता रहता है. रात को सोते समय आँखों में कीचड़ आने से से सुबह मरीज़ को आँख खोलने में बहुत परेशानी का सामना करना होता है.

यह एक संक्रामक रोग होता है इसलिए परिवार के किसी सदस्य को आँख आने पर उसके तौलिये-कपड़े इत्यादि किसी अन्य व्यक्ति को उपयोग नहीं करना चाहिए एवं मरीज़ को धूप-धूल व धुंए इत्यादि से बचाकर रखना चाहिए।

घरेलू सामग्री से आँख आने का उपचार

जायफल

इस रोग में मरीज़ की आँखों में सुबह-शाम जायफल दूध में मिलाकर लगाने से यह रोग बहुत जल्द ठीक होता है.

शहद

एक चम्मच शहद में बारीक पिसा हुआ नमक मिलाकर लगाकर मरीज़ की आँखों में लगाने से लाभ होता है.

मुलैठी

मुलहठी को रात भर पानी में भिगोकर रखें एवं सुबह मरीज़ की आँखों को इस पानी को हल्का गुनगुना गर्म कर साफ़ रुई की मदद से धोएं तो बहुत जल्द ही मरीज़ को आराम मिलता है.

गुलाबजल

दिन में दो बार आँख आने पर रोगी की आँखों को गुलाबजल से साफ़ करने से रोग में आराम मिलता है और मरीज़ को होने वाले दर्द और चुभन में कमी आती है.

नीम

इस रोग में मरीज़ की आँखों को नीम के पानी से धोने से आँखों की सूजन व लाल होने में आराम मिलता है.

4 अप्रैल 2018

मोतियाबिंद का रामबाण इलाज


मोतियाबिंद आँखों का एक ऐसा रोग है जिसके कारण सबसे ज़्यादा लोग अपनी आँखों की रोशनी खो देते हैं। सामान्यतया यह रोग 60 की आयु पार कर लेने के बाद होता है लेकिन आजकल यह कम उम्र के लोगों में भी देखा जाने लगा है।

इस रोग के कारण आँखों का लेंस धीमे-धीमे अपनी पारदर्शिता खोने लगता है एवं जब लेंस के धुंधले हो जाने के कारण देखने में परेशानी होने लगती है तो इस स्थिति को मोतियाबिंद कहा जाता है।

अंगेज़ी दवा पद्धति में इसका उपचार शल्य क्रिया ही है। मोतियाबिंद का ऑपरेशन हालांकि एक सरल और सुरक्षित ऑपरेशन है फिर भी आयुर्वेद में वर्णित दवाओं से भी मोतियाबिंद से छुटकारा पाया जा सकता है। आइये जानते हैं कि घरेलू उपचार के द्वारा आप मोतियाबिंद से कैसे निजात पा सकते हैं-

उपचार

शहद

स्वस्थ आँखों में शहद की एक बून्द प्रतिदिन डालने से कभी मोतियाबिंद नहीं होता इसलिए इस रोग से बचने के लिए हमेशा आँखों में शहद डालने की आदत बनाएं।

जिनको मोतियाबिंद हो चुका है वे 50 मिली छोटी मधुमक्खी के शहद के साथ सफ़ेद प्याज़ का रस 10 मिली अदरक का रस 10 मिली और नीम्बू का रस 10 मिली मिलाकर इसे छानकर रख लें। इस मिश्रण की नित्य 2-2 बून्द आंखों में डालने से मोतियाबिंद नष्ट हो जाता है।

बादाम

रात को भिगोकर रखी गयीं 4-5 बादाम के साथ रोज़ सुबह 4-5 काली मिर्च थोड़ी सी मिश्री के साथ चबाकर खाने के बाद दूध के सेवन से मोतियाबिंद नष्ट हो जाता है।

स्वमूत्र

शुरुआती मोतियाबिंद में स्वमूत्र (स्वयं की पेशाब) का सेवन चमत्कारिक परिणाम देता है। स्वमूत्र को तुरंत उपयोग में नहीं लेना चाहिए। इसे भरकर 15-20 मिनट ढककर रख दें और ठंडा होने पर इससे आँखों को धोयें अथवा कुछ बून्द आँखों में डालें। इसके नित्य प्रयोग से 2-3 महीनों में ही मोतियाबिंद से छुटकारा मिल जाता है।

त्रिफला

10 ग्राम त्रिफला दिन में तीन बार एक छोटी चम्मच घी के साथ लेने से मोतियाबिंद में लाभ होता है।

सेंधा नमक

1 ग्राम सेंधा नमक और 5 ग्राम सतगिलोय को पीसकर रख लें तथा रोज़ सुबह-शाम इस चूर्ण को शहद मिलाकर आँखों में लगाने से जल्द मोतियाबिंद ठीक होता है।