30 जून 2015

खून की कमी के लिए



एक गिलास पानी में एक नीम्बू निचोड़ लें तत्पश्चात उसमे 25 ग्राम किशमिश डालकर रात भर गला रहने दें। सुबह उठकर भीगी हुई किशमिश खाते जाएं और यह पानी पीते जाएं। इस प्रयोग से शरीर में रक्त बढ़ता है।

जुखाम का प्राकृतिक इलाज



जुखाम होने पर एक साबुत नीम्बू (बिना कटा हुआ) को धोकर एक गिलास पानी में उबाल लें। उबल जाने पर उसे काटकर उसका रस इसी गरम पानी में निचोड़ लें। फिर इस पानी में 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच अदरक का रस मिलाकर पियें। जुखाम ठीक हो जाएगा।


गंजापन दूर करने के दो नुस्खे



गंजापन आधुनिक जीवनशैली का एक गंभीर दुष्परिणाम है। कई युवा आज बाल झड़ने और गंजेपन की वजह से चिंतित रहते हैं। प्रस्तुत हैं 2 नुस्खे जिन्हें नियमित रूप से आजमाने से गए हुए बाल वापस आ जाते हैं -

1) नीम्बू के बीजों पर उसका सारा रस निचोड़ कर पीसकर गंजेपन से प्रभावित जगह पर लेप करें। 4-5 महीने लगातार लगाने पर बाल उग आते हैं।

2) तीन चम्मच चने के बेसन में एक नीम्बू का रस और थोड़ा पानी डालकर गाढ़ा सा घोल बना लें। उसे सर पर लगाकर सूखने दें। सूखने के बाद धो लें।  उसके पश्चात समान मात्रा में नारियल का तेल और नीम्बू का मिलकर सर में लगाएं। बाल आ जाएंगे।

नियमित रूप से प्रयोग करें।

बुढ़ापा दूर रखने वाला संजीवनी पेय



प्रकृति के नियमानुसार बुढ़ापा आना तो निश्चित हैं पर उचित आहार-विहार और स्वास्थ्यरक्षक नियमों का पालन करके इसे यथासंभव दूर रखा जा सकता है। इस दिशा में एक सफल सिध्द अनुभूत प्रयोग यहां प्रस्तुत किया जा रहा है- 

शरीरशास्त्री वैज्ञानिकों का मानना है कि जब तक शरीर के कोषाणुओं (Cells) का पुनर्निर्माण ठीक-ठाक होता रहेगा, तब तक बुढ़ापा दूर रहेगा और शरीर युवा बना रहेगा। जब इस प्रक्रिय में विघ्न पड़ता है और कोषाणुओं के पुनर्निर्माण की गति मंद होने लगती है, तब शरीर बूढ़ा होने लगता है।

इस वैज्ञानिक विश्लेषण से एक निष्कर्ष यह निकला कि यदि विटामिन ई, विटामिन सी और कोलीन ये तीन तत्व पर्याप्त मात्रा में प्रतिदिन शरीर को आहार के माध्यम से मिलते रहें तो शरीर के कोषाणुओं का पुनर्निर्माण बदस्तूर ठीक से होता रहेगा और जब तक यह प्रक्रिया ठीक-ठीक चलती रहेगी, तब तक बुढ़ापा दूर रहेगा। बुढ़ापा आयेगा जरूर पर देर से आयेगा। इस निष्कर्ष पर विचार करके पूना के श्री श्रीधर अमृत भालेराव ने यह निश्चिय किया कि इन तीनों तत्वों को दवाओं के माध्यम से प्राप्त करने की अपेक्षा प्राकृतिक ढंग से, आहार द्वारा प्राप्त करना अधिक उत्तम और गुणकारी रहेगा। लिहाजा काफी खोजबीन और परिश्रम करके व इस नतीजे पर पहुंचे कि विटामिन ई अंकुरित गेहूं से, विटामिन सी नींबू, शहद और आंवले से एवं कोलीन मेथी दाने से प्राप्त किया जा सकता है। इन तीनों पदार्थों का सेवन करने के लिये उन्होंने यह फार्मूला बनाया-


40 ग्राम यानी 4 चम्मच [बड़े] गेहू और 10 ग्राम मेथीदाना- दोनों को 4-5 बार साफ पानी से अच्छी तरह धो लें, ताकि इन पर यदि कीटनाशक दवाओं का छिड़काव का प्रभाव हो तो दूर हो जाये। धोने के बाद आधा गिलास पानी में डालकर चौबीस घंटे तक रखें। चौबीस घंटे बाद पानी से निकालकर एक गीले तथा मोटे कपड़े में रखकर बांध दें और चौबीस घंटे तक हवा में लटका कर रखें। गिलास का पानी फेंकें नहीं, इस पानी में आधा नींबू निचोड़कर दो ग्राम सोंठ का चूर्ण डाल दें। इसमें 2 चम्मच शहद घोलकर सुबह खाली पेट पी लें। यह पेय बहुत शक्तिवर्धन, पाचक और स्फूर्तिदायक है, इसीलिये इसका नाम श्रीभालेराव ने संजीवनी पेय रखा है। चौबीस घंटे पूरे होने पर हवा में लटके कपड़े को उतारकर खोलें और गेहूं तथा मेथीदाना एक प्लेट में रखकर इस पर पिसी काली मिर्च और सेंधा नमक बुरक दें। गेहूं और मेथीदाना अंकुरित हो चुका होगा। इसे खूब चबा-चबाकर प्रात: खायें। यदि इसे मीठा करना चाहें तो काली मिर्च और नमक न डालकर गुड़ मसलकर डाल दें, शक्कर न डालें। यह मात्रा एक व्यक्ति के लिये हैं।

इस फार्मूले का सेवन करने से तीन तत्व तो शरीर को प्राप्त होते ही हैं, साथ ही एनजाइम्स, लाइसिन, आइसोल्यूसिन, मेथोनाइन आदि स्वास्थ्यवर्धक पौष्टिक तत्व भी प्राप्त होते हैं। यह फार्मूला सस्ता भी है और बनाने में सरल भी इसमें गजब की शक्ति है, यह स्फूर्ति और पुष्टि देने वाला है। इस प्रयोग को प्रौढ़ ही नहीं, वृध्द स्त्री पुरुष भी कर सकते हैं। यदि दांत न हों या कमजोर हों तो वे अंकुरित अन्न चबा नहीं सकते, ऐसी स्थिति में निम्नलिखित फार्मूले का सेवन करना चाहिए-

प्रात:काल एक कटोरी गेहूं और तीन चम्मच मेथीदाना अच्छी तरह धो-साफ कर चार कप पानी में डालकर चौबीस घंटे रखें। दूसरे दिन सुबह इसका एक कप पानी लेकर नींबू तथा शहद डालकर पी लें। शेष तीन कप पानी निकाल कर फ्रिज में रख दें। यदि फ्रिज न हो तो पानी गिलास में डालकर गिलास पर गीला कपड़ा लपेट दें और गिलास ठंडे पानी में रख दें और ढंक दें, ताकि पानी शाम तक खराब न हो। इस पानी को शाम तक एक कप पीकर समाप्त कर दें। गेहूं और मेथीदाने को फेंकें नहीं बल्कि फिर से 4 कप पानी में डालकर रख दें। दूसरे दिन सुबह 1 कप पानी और शेष दिन भर में पी लें। अब नया गेहूं तथा मेथीदाना लें और सुबह पानी में डालकर रख दें। दो दिन तक भिगोये हुए गेहूं और मेथी दाने को सुखा लें और पिसाने के रखे गये गेहूं में मिला दें। इस तरह बिना दांत वाले भी इस नुस्खे का सेवन कर लाभ उठा सकते हैं।

सौजन्य: कल्याण, आरोग्य अंक 2001, पृष्ठ संख्या 358

हार्ट अटैक आने पर तुरंत करें यह प्रयोग, बच सकती है जान



हार्ट अटैक या हृदयाघात हल्के में लेने वाली बात नहीं है। यदि आपके आसपास कोई हृदयरोगी है तो यह जानकारी अटैक आने पर उसकी जान बचा सकती है।

बीमारियों से होने वाली मौतों में सबसे ज़्यादा मौतें हृदयरोगों के कारण होती हैं। अमरीकी हर्बलिस्ट (वनस्पति शास्त्री) डॉ. क्रिस्टोफर दावा करते हैं कि उनके 35 वर्षों के अनुभव में उनका एक भी मरीज़ हृदयाघात से नहीं मरा। इसका श्रेय वे लाल मिर्च (Ceyenne Pepper) को देते हैं।

हार्ट अटैक रोकने के लिए मरीज़ को लाल मिर्च की चाय पिलाने से उसकी जान बचाई जा सकती है। इसके लिए एक कप पानी में एक टेबलस्पून लाल मिर्च मिला लें। फिर इस मिश्रण की 5 से 10 बूँद मरीज़ को पिला दें। यदि स्थिति में सुधार ना हो तो 5 मिनट के बाद दोबारा 5 से 10 बूँद पिलाएं।


लाल मिर्च में ऐसा क्या होता है?

दरअसल लाल मिर्च हृदय गति को बढ़ा देती है जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में रक्त संचार में आसानी होती है। इससे अंगों के काम ना करने के कारण होने वाली मौत से बचा जा सकता है।

इस प्रयोग को सिर्फ प्राथमिक उपचार ही समझें। हार्ट अटैक आने होने की परिस्थिति में तुरंत डॉक्टर को बुलाएं। लेकिन ऐसा करने से उतने समय तक मरीज को बचाया रखा जा सकता है।

डॉ. क्रिस्टोफर की वेबसाइट की लिंक यहाँ उपलब्ध है - www.christopherwebsites.com

29 जून 2015

दिल का कैंसर इतना कम सुनने में क्यों आता है?



तरह तरह के कैंसर के बारे में आए दिन सुनते रहते हैं जैसे ब्लड कैंसर और लंग कैंसर इत्यदि। पर क्या आपने कभी सोचा कि दिल के कैंसर के बारे में इतना कम क्यों सुनाई देता है?


दरअसल कैंसर शरीर के उस हिस्से में ज़्यादा पनपता है जहाँ पर कोशिकाओं की पुनर्वृद्धि और विभाजन तेज़ी से होता है। हमारे हृदय की कोशिकाएं उस तेज़ी से विभाजित नहीं होती इसलिए दिल के कैंसर की संभावना बहुत कम होती है। साथ ही दिल के कैंसर के मरीज़ ज़्यादा समय तक जीवित भी नहीं रह पाते इसलिए उनके बारे में कम ही सुनने को मिलता है।

28 जून 2015

कहीं आप भी तो इसी तरह टॉयलेट फ्लश नहीं करते?



पश्चिमी बनावट वाली टॉयलेट सीटों को अक्सर लोग गलत ढंग से फ्लश करते हैं। एरिज़ोना विश्वविद्यालय के माईक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. चार्ल्स गेरबा चेतावनी देते हुए कहते हैं कि टॉयलेट सीट के ढक्कन को हमेशा बंद करके ही फ्लश करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो संकमित एवं प्रदूषित पानी के कण बाहर निकलकर कुछ घंटों के लिए हवा में तैरते रहते हैं और इसके बाद जब वे नीचे गिरते हैं तो संपर्क में आई हर वस्तु को संक्रमित कर देते हैं। उनमें से एक आपका टूथब्रश भी हो सकता है। और ऐसा होना कभी भी आपकी सेहत पर भरी पड़ सकता है। इसलिए जब भी टॉयलेट फ्लश करें तो ध्यान रखें कि उसका ढक्कन बंद रखा जाए।

क्या आप पहले कभी दौड़ा करते थे और अब नहीं, वापसी आपकी उम्मीद से कहीं आसान है!



क्या आप पहले कभी दौड़ा करते थे और फिर जीवन की व्यस्तताओं के चलते बंद कर दिया? और अब यह सोच के सहस नहीं जुटा पाते कि फिर से नई शुरुआत करनी पड़ेगी जो कि एक थकाऊ और चुनौती भरा काम होगा। यदि आप ऐसा समझते हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है। जिस तरह से हमारे मस्तिष्क की याद्दाश्त होती है उसी तरह हमारी मांसपेशियों की भी याद्दाश्त होती है।

यदि आप सालों पहले भी कभी दौड़ा करते थे तो आपकी मांसपेशियों में अभी भी उसकी याद्दाश्त सुरक्षित है। इसका तात्पर्य यह है कि नए सिरे से शुरुआत करना भले ही आपको नया लगे लेकिन आपके शरीर के लिए यह पहली बार करने जैसा दुष्कर नहीं है।


इसके लिए आपको यह याद करने की ज़रूरत नहीं है कि दौड़ किस तरह लगाई जाये परन्तु आपको यह सोचना होगा कि कैसे अच्छी दौड़ लगाई जाए। इसके पीछे की थ्योरी यह है कि जब आप दौड़ा करते थे तब आपकी मांसपेशियाँ मजबूत होने की प्रक्रिया में आपका शरीर कुछ प्रोटीन बनाता था जिसमें मजबूत मांसपेशियों से सम्बंधित डीएनए होता था। दौड़ना बंद करने के बाद भी यह प्रोटीन आपके शरीर में मौजूद रहता है इसलिए जब भी आप दोबारा आप दौड़ना शुरू करना चाहें तो आपको आपकी सोच से बहुत काम परेशानी होगी।

इसलिए यदि ये सोच कर आप दौड़ना शुरू नहीं कर पा रहे हैं कि वो तो पहले की बात थी तो आज ही मन बना लीजिए। आपका शरीर इसके लिए तैयार है, ज़रुरत है आपके भी तैयार होने की!

बेमतलब है इस तरह से लहसुन खाना (महत्वपूर्ण जानकारी)


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विटामिन C के विपरीत, लहसुन में पाया जाने वाला कैंसर से लड़ने में सक्षम एन्ज़ाइम एलिसिन (allicin) सिर्फ तभी सक्रिय हो पाता है जब वह हवा से प्रतिक्रिया करे। इसलिए लहसुन छीलने के बाद उसे थोड़ा काटकर कम से कम 10 मिनट तक हवा में रखने के बाद ही इस्तेमाल में लें।

स्रोत: Sara Haas, consultant & Dietitian, Academy of Nutrition and Dietetics, Cleveland, Ohio.

27 जून 2015

तीन चेहरे



एक जापानी कहावत है कि आपके 3 चेहरे होते हैं। पहला चेहरा जो आप सारी दुनिया के सामने रखते हैं। दूसरा चेहरा जो आप अपने घनिष्ठ मित्रों और परिवार को दिखाते हैं। और तीसरा चेहरा जो आप कभी किसी को नहीं दिखाते। वही आपके व्यक्तित्व का वास्तविक प्रतिबिम्ब है।

त्यौहार जिसमें होती है कुत्तों की पूजा






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हाल ही में चीन के यूलिन फेस्टिवल ने दुनिया भर के लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था जिसमें कुत्तों को मारकर खाया है। तमाम विरोधों के बावजूद चीन ने इस आयोजन को बंद करने का फैसला नहीं लिया। वहीं हमारे पड़ोसी देश नेपाल में एक त्यौहार ऐसा भी मनाया जाता है जिसमें हमारे सबसे अच्छे और निःस्वार्थ दोस्त की पूजा की जाती है।




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इस हिन्दू देश में पाँच दिनों के दीपावली के त्यौहार के दूसरे दिन 'कुकुर तिहार' मनाया जाता है। इस उत्सव का आयोजन कुत्तों को उनकी की दोस्ती के लिए कृतज्ञता प्रकट करने के लिए किया जाता है।



festival for dogs
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लोग इस दिन कुत्तों को माला पहनाते हैं और उन्हें स्वादिष्ट व्यंजन खिलाए जाते हैं।

festival for dogs






festival for dogs
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26 जून 2015

शराब से दूर रहने की कुछ दिलचस्प वजहें



कुछ देर का मज़ा और बदले में ज़िंदगी भर की परेशानियाँ। यही है शराब सच्चाई। यदि आपने कभी शराब का सेवन किया होगा तो आपसे बेहतर इसे कोई नहीं समझ सकता।

पता ही नहीं चलता कि कब एकाध सोशल ड्रिंक से कब हम शराब के आदी होते चले जाते हैं। एक समय ऐसा भी आता है जब लोग चाह कर भी शराब की गिरफ्त से बाहर नहीं निकल पाते। पढ़ते हैं शराब से दूर रहने की कुछ खास वजहें जिनको जानकर आपको एहसास होगा कि शराब से बाहर भी एक ज़िंदगी है जो कि बेहद खूबसूरत है।

1. कोई पछतावा नहीं


याद कीजिए वो स्थिति जब सुबह उठकर पिछली रात के बारे में सोच कर शर्मिंदगी और दुःख होता है । भले ही ये बात आप जानते हों कि वह आप नहीं थे पर वह शराब थी लेकिन आज लोगों का सामना तो आपको ही करना है।

2. कोई हैंगओवर नहीं


शराब नहीं तो हैंगओवर नहीं। कैसा हो जब सुबह उठकर आप ऊर्जा से भरे हुए हों? यही अपने आप में शराब को ना कहने की एक बहुत बड़ी वजह है।

3. पैसों की बचत


शराब पीना हमेशा खर्चीला ही होता है। आप घर पर ही पियें तब भी। ज़रा उन चीज़ों के बारे में सोचे जो आपके सिर्फ एक दिन शराब ना पीने से आप खरीद सकते हैं।

4. स्वस्थ इमोशनल स्टेट


ना शराब होगी और ना पिछली बातों को याद करके सबके सामने रोना-धोना ही होगा। आपकी छबि आप स्वयं ही एक कमज़ोर व्यक्ति की तरह पेश क्यों करें जब इसका आपसे कोई संबंध ही नहीं है।

5. सोबर होना हमेशा ही अच्छा है


शराब हमारे सोचने समझने की शक्ति को नष्ट कर  देती है। इन्द्रियों के कमज़ोर हो जाने पर प्राणशक्ति घट जाने से हमारा जीवन भी निस्तेज हो जाता है। जीवन का असली आनंद मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होकर ही लिया जा सकता है।



6. स्वास्थ्य


शराब पीने के स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्परिणामों का कोई अंत ही नहीं है। यदि आप शराब के आदी हैं तो आप कभी भी मोटापे, डायबिटीज़ एवं किडनी फेल होने के शिकार हो सकते हैं। इन सबसे बढ़कर आपको कोई भी अपना आदर्श नहीं बनाना चाहेगा।

7. नई ज़िंदगी नया आनंद


एक बार शराब छोड़ने पर आप उन चीज़ों का आनंद ले पाएंगे जो आपने पहले कभी अनुभव ही नहीं की थीं। हो सकता है आप पर टेनिस खेलने का ही शौक सवार हो जाए।

8. मिलेंगे बेहतर दोस्त 


शराब से दूर हो जाने के बाद जब आप कभी अपने पुराने शराबी दोस्तों से टकराएंगे तो आप खुद से ही सवाल करेंगे कि "मैं क्यों कभी ऐसा था।" बिना नशे में जिन्हें आपको उन्हें समाज में अपना दोस्त कहना भी पसंद नहीं है वो ही शराब पीते समय कभी आपको बड़े अपने लगते थे।

9. कोई कानूनी झमेले नहीं


शराब कई फसादों की जड़ है। चाहे वह शराब पीकर गाड़ी चलाना हो या बेवजह किसी मामूली से विवाद के कारण अदालतों के चक्कर काटना। किसी भी एक शाम को शराब पीकर इतना हसीन नहीं बनाया जा सकता जिसकी भरपाई करने में सालों लग जाएं।

10. दिखने लगेंगे आकर्षक


शराब में मौजूद फ्री रेडिकल और अन्य विषैले तत्व या टॉक्सिन्स आपकी उम्र बढ़ने की रफ़्तार बढ़ा डालते हैं। ज़रा अपने आसपास किसी ऐसे व्यक्ति पर नज़र डालिये जो पिछले कई सालों से शराब का आदी हो। क्या आप भी वैसा दिखना पसंद करेंगे?

11. महसूस करेंगे अच्छा


शराब छोड़ने के बाद आपके शरीर का इन टॉक्सिन्स से मुक्त होने पर आप स्वाभाविक ही एक नया जीवन और प्राणशक्ति को महसूस करने लगेंगे।

और क्या वजह है आपके पास आज ही शराब से दूर हो जाने के लिए। कमेंट करके बताइएगा ज़रूर।

पप्पू का इलाज


जॉब नहीं मिली तो एक आदमी ने क्लिनिक खोला और बाहर लिखा:

तीन सौ रुपए में इलाज करवाएं और इलाज नहीं हुआ तो एक हजार रुपए वापस। 

पप्पू ने सोचा कि एक हजार रुपये कमाने का अच्छा मौका है। 

वह क्लिनिक पर गया और बोला : मुझे किसी भी चीज का स्वाद नही आता है। 

डॉक्टर: बॉक्स नंबर 22 से दवा निकालो और 3 बूंद पिलाओ। 

नर्स ने पिला दी। 

मरीज : ये तो पेट्रोल है। 

संता: मुबारक हो आपको टेस्ट महसूस हो गया। 

लाओ तीन सौ रुपये 

पप्पू को गुस्सा आ गया। कुछ दिन बाद फिर वापस गया अपने पुराने पैसे वसूलने। 

मरीज : साहब, मेरी याद्दाश्त कमजोर हो गई है। 

डॉक्टर : बॉक्स नंबर 22 से दवा निकालो और 3 बूंद पिलाओ। 

मरीज : लेकिन, वह दवा तो जुबान की टेस्ट के लिए है। 

डॉक्टर : ये लो तुम्हारी याद्दाश्त भी वापस आ गई। 

लाओ तीन सौ रुपए। 

इस बार पप्पू गुस्से में गया और बोला: मेरी नजर कम हो गई है। 

डॉक्टर : इसकी दवा मेरे पास नहीं है। लो एक हजार रुपये। 

पप्पू : यह तो पांच सौ का नोट है। 

डॉक्टर: आ गई नज़र। दे ये वापस और निकाल तीन सौ रुपये।

25 जून 2015

शकर के कुछ घातक दुष्परिणाम


क्या आप जानते हैं कि वे सभी कार्बोहाइड्रेट जो पानी में आसानी से घुल जाते हैं वे सभी शर्करा ही कहलाते हैं? वे रंगहीन और गंधहीन होते हैं तथा वे सभी स्वाद में मीठे होते हैं। शकर एक मादक पदार्थ है जिसकी लत हमें ड्रग्स की तरह ही पड़ सकती है। इसके परिणाम भी ड्रग्स लेने की तरह ही घातक सिद्ध हो सकते हैं। शकर खाने के 6 घंटे बाद तक हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बुरी तरह से प्रभावित रहती है जिससे कीटाणु और वायरस आसानी से हमें बीमार कर सकते हैं। इसके अलावा शकर खाने के कारण हमारी पौष्टिक भोजन जैसे सलाद सब्ज़ियाँ इत्यादि खाने की इच्छा खत्म होती चली जाती है जिससे हम कुपोषण का शिकार भी बन सकते हैं।

शकर के कुछ घातक दुष्परिणाम

  • कोकीन की तरह शकर की भी लत लग सकती है। डॉ. रॉबर्ट लस्टविंग (एंडोक्राइनोलॉजिस्ट) के अनुसार जब भी हम शकर खाते हैं तो कोकीन की ही तरह हमारा शरीर डोपमीन पैदा करता है, यह एक ऐसा न्यूरोट्रांसमीटर है जो कुछ समय के लिए हमें क्षणिक आनंद प्रदान करता है।
  • शकर का अत्यधिक प्रयोग करने से कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। शकर खाने से बढे हुए मोटापे के कारण शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने में मदद मिलती है।
  • शकर खाना आपके दिल की सेहत के लिए भी अच्छा नहीं है। अधिक मात्रा में शकर का सेवन करने से आपके रक्त में ट्राईग्लिसेराइड की मात्रा बढ़ जाती है जो कि एक प्रकार का वसा ही है जो शकर से मिली कैलोरीज़ को जमा करता है।
  • शकर आपके लीवर को प्रभावित करती है। जब भी हम शकर खाते हैं तो शरीर में इन्सुलिन बनता है। फिर लीवर इस इन्सुलिन के कारण आपका लीवर आपके रक्त में पाई जाने वाली शर्करा को ग्लाइकोजिन में बदल देता है और अंततः यह ग्लाइकोजिन फैट के रूप में लीवर में जमा हो जाता है।
  • यह आपके मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाती है। कुछ शुरुआती शोधों से पता चला है कि हाई ब्लडशुगर लेवल आपकी याददाश्त को भी प्रभावित करता है।
  • शकर खाना मुंहांसों का भी कारण बन सकता है। हालांकि भोजन और मुंहांसों के बीच सम्बन्ध को लेकर काफी विवाद है फिर भी कुछ शोध बताते हैं कि शकर खाने से ऐसे हारमोन निकलने लगते हैं जो तेल का स्राव करते हैं जिनसे मुहांसे ठीक होने में और भी परेशानी होती है।
  • शकर कहने से मुंह में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है जिससे दांतों में कैविटी हो सकती है।

संक्षेप में..... 

अब जब आप जान चुके हैं कि किस तरह से शकर आपकी सेहत को प्रभावित करती है तो आपको अब कुछ भी कहते समय यह देख लेना चाहिए कि उसमें शकर की मात्रा कितनी है और वह किस प्रकार से आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।

जानिए मानव शरीर से जुड़ी 9 बेहद दिलचस्प जानकारियां



मानव शरीर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है। यह हज़ारों काम करता है। भले ही उसके कुछ कार्य देखने में मामूली से लगें परन्तु वे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। आइए मानव शरीर सेजुड़ी कुछ रोचक जानकारियों के बारे में बात करते हैं जो शायद आपको पहले नहीं पता होंगी।

1. मानव शरीर में बालों की संख्या चिम्पैंजी के बराबर ही होती है



एक वयस्क मानव शरीर में बालों की संख्या उतनी ही होती है जितनी किसी चिम्पैंजी के शरीर में। अंतर बस इतना है की मानव शरीर के बाल चिम्पैंजी के बालों की तुलना में बहुत महीन और पतले होते हैं। साथ ही मानव शरीर ने अपने विकासक्रम में कपड़े पहनने के बाद से बालों के माध्यम से अपने शरीर की सुरक्षा और तापमान बनाए रखने की क्षमता खो दी है।

2. रोंगटे क्यों खड़े होते हैं?



अपने कई बार अपने शरीर में रोंगटे खड़े होते हुए अनुभव किए होंगे। ऐसा पिलोमोटर रिफ्लेक्स के कारण होता है। आदिकाल में जब भी मानव को किसी प्रकार के खतरे की आशंका होती थी या उसे अपना तापमान बढ़ाने की आवश्यकता पड़ती थी तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते थे। जिससे उसके बालों के आकार में कुछ बढ़ोत्तरी हो जाया करती थी। हालाँकि शरीर का यह गुण अब उपेक्षित हो गया है लेकिन विकासक्रम के उस दौर के लक्षण आज भी रोंगटे के रूप में हमारे साथ हैं।

3. जीवन भर में पलक झपकाने में हुआ व्यतीत कुल समय

एक औसत मानव शरीर अपने पूरे जीवनकाल में लगभग पांच वर्ष पलक झपकाने में व्यतीत करता है। यह प्रक्रिया आँखों के लिए बहुत ही उपयोगी है क्यूंकि इससे आँखों की सुरक्षा होती है। पलक झपकने से आँखों में चिकनाहट और नमी भी बनी रहती है जिसके अभाव में आँखें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।

4. उलटे हाथ से काम करने वाले ज़्यादा ताकतवर होते हैं


भले ही इसका कारण भौतिकी के नियम हों लेकिन यह सच है कि उलटे हाथ से कार्य करने वाले लोग सीधे हाथ से कार्य करने वाले लोगों की तुलना में अधिक ताकतवर होते हैं। उदाहरण के लिए उलटे हाथ से कार्य करने वाले व्यक्ति किसी डब्बे के टाइट लगे ढक्कन को सीधे हाथ से कार्य करने वाले व्यक्ति की तुलना में आसानी से खोल देंगे। हालांकि जब डब्बा बंद करने की बात हो तो इसमें सीधे हाथ से कार्य करने वाले व्यक्ति को ज़्यादा आसानी होगी।

5. हमारे पेट में एसिड होता है

हमारे पेट या आमाशय में क्लोरिक एसिड पाया जाता है जिसका निर्माण आमाशय में उपस्थित कोशिकाएं करती हैं। आद्योगिक स्तर पर इस एसिड का प्रयोग धातुशोधन में भी किया जाता है क्यूंकि क्लोरिक एसिड बहुत ही तेज़ होता है।

6. शरीर अरबों बैक्टीरियाओं का घर

हमारे शरीर में अरबों बैक्टीरिया रहते हैं। तथ्य तो यह है कि इनकी संख्या हमारे शरीर की सारी कोशिकाओं की संख्या से दस गुने से भी ज़्यादा होती है। इसका यह अर्थ नहीं है कि ये सारे बैक्टीरिया हमारे लिए नुकसानदायक हों बल्कि कुछ बैक्टीरिया हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी भी हैं।

7. झपकी लगना आपकी सेहत के लिए अच्छा है

20 मिनट की एक झपकी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से आपको बचा सकती है। यह एकाग्रता को बढाती है। साथ ही यह आपके मूड को भी अच्छा रखती है। क्रियाशीलता बढ़ाने में भी यह बहुत महत्वपूर्ण है।

8. ढेर सारी मृत कोशिकाएं

प्रतिदिन हमारे शरीर में लाखों कोशिकाएं मरती हैं। जिनमें से सबसे ज़्यादा त्वचा की कोशिकाएं होती हैं। एक साल में मरी हुई कोशिकाओं को तौला जाए तो उनका कुल वज़न लगभग 2 किलो होगा।

9. संवेदनशीलता

हमारे शरीर में कई तंत्रिकाएं होती हैं जिनके सिरे हमारी त्वचा पर होते हैं। जिनके माध्यम से ही हम वस्तुओं के स्पर्श को अनुभव कर पाते हैं। हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील भाग हमारे होठों और उँगलियों पर होता है जबकि काम संवेदनशील भाग हमारी पीठ के बीच का हिस्सा होता है।

जानिए सेहत से जुड़े शहद के छः फायदे

आजकल शकर के बारे में इतना कुछ कहा सुना जा रहा है कि लोग अक्सर ऐसा समझने लगते हैं कि कुछ भी मीठा खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है। जबकि प्रकृति ने हमें ऐसे कई उपहार दे कर रखे हैं जिनमें प्राकृतिक रूप से शकर मौजूद रहती है। जैसे कि फल और शहद। आइए शहद के छः फायदों के बारे में जानते हैं।

1. एक बेहतरीन रोग प्रतिरोधक

शहद की कई खूबियों में से एक यह है कि इसमें विटामिन, खनिज और ऐसे कई एन्जाइम्स होते हैं जो हमारे शरीर को घातक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते  हैं और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यदि आप शहद का नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं तो यह आपको सर्दी जुखाम से जुड़े लक्षणों जैसे खांसी, गले की खराश और नाक बंद में भी राहत पहुंचाता है। यदि आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो प्रतिदिन 1 से 2 चम्मच शहद गर्म पानी में मिलाकर पियें। साथ ही और अच्छे परिणामों के लिए आप इसमें कुछ बूँद नीम्बू का रस और थोड़ी सी दालचीनी भी मिला सकते हैं।

2. मोटापा करे कम

सुबह खाली पेट नीम्बू और शहद के साथ गरम पानी पीने से शरीर डिटॉक्सिफाय होता है। ऐसा रोज़ करने से लीवर साफ़ होता है एवं उससे सारे टॉक्सिन (ज़हरीले तत्व)  बाहर निकल जाते है। साथ ही शरीर से वसा या फैट भी निकल जाता है। ना सिर्फ आप ऐसा सुबह कर सकते हैं बल्कि रात को सोते समय भी नीम्बू शहद का पानी पीना उतना ही सेहतमंद है।

3. हृदय रोगों से बचाव

दालचीनी के साथ शहद का प्रयोग हृदय की रक्तवाहिकाओं और नसों को पुनर्जीवित करता है। यह उनकी सेहत के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। इस प्रयोग से कॉलेस्ट्रोल में भी 10% तक की कमी देखी गई है। नियमित रूप से ऐसा प्रयोग करने से हार्ट अटैक की सम्भावना काफी कम हो जाती है। इन फायदों के लिए गर्म पानी में 1 से 2 चम्मच शहद के साथ 1/3 चम्मच दालचीनी के साथ दिन में एक बार प्रयोग करें।

4. अपच से दे राहत

बदहज़मी से पीड़ित लोगों के लिए भी शहद बहुत कारगर है। शहद का एंटीसैप्टिक गुण आमाशय में एसिड की मात्रा पर लगाता है। शहद गैस को भी निष्प्रभावित करता है जो कि उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जिन्हें कभी कभी अधिक खाने की वजह से गैस की शिकायत रहती है। किसी शादी या पार्टी में जाने से पहले जब अधिक खाने की सम्भावना हो तो अपच से बचने के लिए पहले ही 1 या 2 चम्मच शहद का इस्तेमाल कर लें पर यदि आपने अधिक खा ही लिया हो तो उसके बाद गर्म पानी में थोड़ा शहद और नीम्बू का रस बदहज़मी में भी फायदा पहुंचाता है।

5. थकान रखे दूर

शहद में पायी जाने वाली प्राकृतिक शर्करा में कैलोरीज़ और ऊर्जा होती है। अधिक थकान होने पर कुछ मीठा खाने के लिए होने वाली चाहत भी शहद खा लेने से पूरी हो जाती है।  इसे खाना संतुष्टि का एहसास करता है। थकान होने पर कॉफी या चॉकलेट खाने की बजाय शहद हमेशा ही एक बेहतर विकल्प है।

6. त्वचा का भी रखे ख्याल

शहद का एंटीफंगल और एंटी माइक्रोबियल (फफूंद और सूक्ष्मजीव) गुण इसे एक उत्कृष्ट स्किन केयर प्रोडक्ट बनाता  है। किसी भी दाग या धब्बे पर सीधे शहद का लेप करें और रात भर उसे लगा रहने दें। सुबह उठते ही इसे धो लें। ऐसा रोज़ करने पर आपको त्वचा की बेहतर सेहत नज़र साफ़ आने लगेगी। चेहरे पर शहद का मास्क लगाने से त्वचा में निखार आता है। सोरायसिस में हालाँकि यह इतना कारगर नहीं है पर इसके प्रयोग से बड़ी राहत मिलती है।

आपके पास भी शहद से जुड़ी कुछ जानकारी है तो नीचे कमेंट करें।

बिना एक्सरसाइज़ करें सिर्फ एक माह में मोटापा कम



जी हाँ आप सिर्फ एक महीने में ही अपना मोटापा कम कर सकते हैं। ना तो इसके लिए आपको किसी जिम में पसीना बहाना है और ना ही किसी प्रकार की कोई कसरत करनी है। लेकिन आपको पूरे एक महीने तक अपने आहार पर संयम रखना है। क्यूंकि सिर्फ एक महीने में वज़न कम करना कोई आसान बात नहीं है। लेकिन यदि आप दृढ़निश्चयी हैं तो आप इसमें ज़रूर सफल होंगे। यदि आप तैयार हैं तो नीचे दिए गए नियमों का पालन करें -

1) रात को सोते समय 1 गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गला कर रख दें। सुबह उठकर इस पानी को इतना उबालें कि वह आधा रह जाए। फिर इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर पी लें।

2) रोज़ कम से कम 10 गिलास पानी पिएं। फ्रिज में रखा पानी बिलकुल भी ना पिएं। दिन भर में 4 से 5 गिलास गुनगुना (Lukewarm) पानी भी पियें।

3) अब बात करते हैं आहार की और यही सबसे बड़ी चुनौती भी है क्यूंकि अगले एक महीने तक आपको ऐसी कोई भी चीज़ नहीं खाना है जिसका रंग सफ़ेद हो। जिसमें आटा, नमक, शक्कर और दूध या दूध से बनी सभी चीज़ें शामिल हैं।

4) आप सभी तरह की दालें खा सकते हैं। विशेषकर मूंग की दाल आपका वज़न कम करने में काफी मदद करेगी। दाल को उबालकर उसे आप सिर्फ आधे चम्मच मूंगफली या तिल के तेल से फ़्राय कर लें। सोयाबीन का तेल इस अवधि में बिलकुल इस्तेमाल ना करें। दाल में आप चाहें तो थोड़ा सा काला नमक और मसाले भी डाल सकते हैं।

5) आप सभी तरह के फल और सब्ज़ियाँ (कच्ची या उबालकर) खा सकते हैं। लेकिन फलों में केले का प्रयोग ना करें। सबसे अच्छा फल जो इस समय आपका सबसे अच्छा साथ निभा सकता है अनानास क्यूंकि यह कई पाचक एन्ज़ाएम्स से युक्त होता है और यह काफी स्वादिष्ट और संतुष्टि देता है। भूलकर भी आलू का सेवन ना करें। ज्यूस की जगह सीधे फल ही खाएं क्यूंकि इससे आपके शरीर में भरपूर फायबर उपस्थित रहेगा।

यदि आप इन पांच नियमों का कड़ाई से पालन कर लें तो सिर्फ एक महीने में ही बिना किसी एक्सरसाइज़ के आप अपना वज़न कम कर सकते हैं। मगर ध्यान रहे इसके लिए आपको पूरी तरह से स्वस्थ होना ज़रूरी है। बढ़ती उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, ह्रदय रोगी एवं ऐसे मरीज़ जिनका शुगर लेवल कम रहता हो वो ऐसा न करें। आपके विचार और अनुभव हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताएं।

चुटकुले: पत्नी का मैसेज


एक औरत की दूसरे शहर में नौकरी लग गयी। वहाँ पहुँच कर उसने सोचा कि पति को मैसेज कर दूँ। गलती से वो मैसेज किसी और के पास चला गया। जिसके पास वो मैसेज गया वो अभी-अभी श्मशान से पत्नि का अंतिम संस्कार करके लौटा था। आदमी मैसेज पढ़ते ही बेहोश हो गया। मैसेज कुछ ऐसा था "मैं यहाँ खैरियत से पहुँच गई हूँ। यहाँ मोबाइल की सुविधा भी है। तुम उदास ना होना। 2-3 दिन में तुम्हें भी अपने पास बुला लूंगी।"

24 जून 2015

मच्छरों को दूर भगाता है गेंदे का फूल



आए दिन शहरों में कूड़ा-करकट और गंदगी बढ़ती ही चली जा रही है जिसके चलते मच्छरों का प्रकोप एक आम बात हो गई है। समाधान के रूप में हम विषैले रसायनों वाले अगरबत्ती और रिपलेंट्स आदि का प्रयोग करने में अब ज़रा भी नहीं हिचकिचाते जबकि ये स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं, खासकर बच्चों और बूढ़ों के लिए।

ऐसे में गेंदे का फूल एक बहुत ही कारगर उपाय है क्यूंकि गेंदे में Pyrethrum नाम का रसायन पाया जाता है जिसकी सुगंध मच्छरों और कई कीड़ों को दूर भगाती है। घर के आसपास गेंदे के फूल कुछ इस तरह लगाएँ कि उनकी तेज़ महक आपके बैडरूम में आती रहे। इस तरह से गेंदे के फूल के प्रयोग से बिना हानिकारक रसायनों के ही मच्छरों से निज़ात पाई जा सकती है।

जीएम डाइट: तीसरे दिन का डाइट प्लान


तीसरे दिन आप फल और सब्ज़ियाँ दोनों खाने के लिए स्वतंत्र हैं पर आज भी आप फलों में केला नहीं खा सकते। साथ ही आज भी आपको 2 से 3 लीटर पानी पीना है।

सुबह का नाश्ता:

सुबह नाश्ते में आप एक सेब और 1 से 2 गिलास पानी या फिर 1 कप कटा हुआ खरबूज और 2 गिलास पानी पी सकते हैं।

दोपहर का खाना:

ककड़ी,सलाद पत्ता और और टमाटर काटकर एक बाउल में इसे मिला लें। फिर इस मिश्रण में आधे कप उबला हुआ चुकंदर मिला लें। यही आज आपके दोपहर का खाना है। इसके साथ 2 गिलास पानी भी आपको पीना है (एक गिलास खाने से पहले और एक गिलास खाने के बाद आधे घंटे के अंतर से)।

रात का खाना:

रात के खाने में 1 बाउल ब्रोकली और पपीते के साथ 2 गिलास पानी पियें।

इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर आप दिन भर में 2 से 3 संतरे, 1 आम और थोड़े बहुत पपीते के स्लाइस संतुलित मात्रा में ले सकते हैं।

आगे पढ़ें: चौथे दिन का डाइट प्लान

जीएम डाइट: दूसरे दिन का डाइट प्लान


यदि पहले दिन के डाइट प्लान का पालन आपने सफलतापूर्वक कर लिया है तो आपने पूरे प्लान का सबसे चैलेंजिंग काम कर दिखाया है। आज दूसरे दिन आपको सिर्फ सब्ज़ियाँ ही खानी हैं। लेकिन सब्ज़ियों में भी मटर एवं गाजर जैसी चीज़ों से एकदम परहेज़ करना है। हालांकि आज आप सुबह नाश्ते में एक कप आलू खा सकते हैं। ध्यान रहे कि आज भी आपको कम से कम 10 गिलास पानी ज़रूर पीना है।

सुबह का नाश्ता:

एक कप उबले हुए आलू आज सुबह आप नाश्ते में ले सकते हैं। आज प्लान में थोड़ा सा घी या मक्खन आलू पर लगाने की अनुमति है। ये एक कप आलू आपको दिन भर के लिए ज़रूरी ऊर्जा देने के लिए पर्याप्त है। 2 गिलास पानी पिएं।

दोपहर का खाना:

एक ककड़ी, एक टमाटर और आधा चुकंदर। साथ में 2 गिलास पानी।

रात का खाना:

रात के खाने में आप आज उबली हुई पत्तगोभी या फूलगोभी खा सकते हैं। नमक का प्रयोग भी रात के खाने में किया जा सकता है।

इन तीन समयों के अलावा आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में टमाटर एवं पत्तागोभी दिन में 2-3 बार खा सकते हैं। समय-समय पर पानी का सेवन करना ना भूलें।

जीएम डाइट: पहले दिन का डाइट प्लान


जीएम डाइट के पहले दिन सिर्फ फल खाएं और ढेर सारा पानी पिएं। ऐसा करने से आपके शरीर का निर्विषीकरण (detoxification) हो जाता है। पर पहले दिन ऐसे किसी फल का सेवन ना करें जिसमें बहुत अधिक मात्रा में स्टार्च या कार्बोहाइड्रेट हो। पहले दिन फलों में केला एकदम वर्जित है। केला छोड़ कर आप कोई भी फल खा सकते हैं।

सुबह का नाश्ता:

सुबह के नाश्ते में आप पेट भरकर सेब, संतरे और पपीते जैसे फलों का सेवन कर सकते हैं। 1-2 गिलास पानी भी अवश्य पिएं।

दोपहर का खाना:

दोपहर के खाने में खरबूज और पपीता खाया जा सकता है। इसके साथ भी 1-2 गिलास पानी पिएं।

रात का खाना:

रात के खाने में 1 बाउल खरबूज खाना बेहतर है। 1-2 गिलास पानी पीना ना भूलें।

इसके अलावा जब भी भूख सताए तो संतरे एवं नारियल-पानी का सेवन किया जा सकता है। बस इतना ध्यान रखें कि फलों के अलावा कुछ भी नहीं खाया जा सकता। दिन भर में लगभग 2.5 से 3 लीटर पानी पीना भी खाने जितना ही महत्वपूर्ण है।

जीएम डाइट से 7 दिनों में करें अपना वज़न कम



 कैसा हो यदि महज़ 7 दिनों में आप अपना वज़न घटा सकें? जी हाँ ये मुमकिन है। बस ज़रूरत है थोड़े संयम और जानकारी की। ऐसी मान्यता है कि जीएम डाइट प्लान जनरल मोटर्स ने अपने कर्मचारियों के लिए विकसित किया था। आज भी यह डाइट प्लान कम समय में वज़न घटने में काफी कारगर और लोकप्रिय है। कुछ लोग तो 7 दिन में इससे 10 किलो तक वज़न घटाने तक का दावा करते हैं। इस डाइट प्लान में 7 दिनों तक फायबर से भरपूर भोजन लिया जाता है। तेल, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की बहुत कम मात्रा ली जाती है। साथ ही यह शरीर में जमे अतिरिक्त पानी के कारण बढ़े हुए वज़न को भी घटाता है।

7 दिनों का डाइट प्लान इस प्रकार है -

1) पहले दिन का डाइट प्लान
2) दूसरे दिन का डाइट प्लान
3) तीसरे दिन का डाइट प्लान
4) चौथे दिन का डाइट प्लान
5) पांचवें दिन का डाइट प्लान
6) छठे दिन का डाइट प्लान
7) सातवें दिन का डाइट प्लान

मगर ध्यान रखें इसमें कमज़ोरी, मसलपेन, भूख लगने और थकावट की संभावना भी रहती है। बेहतर होगा इस डाइट प्लान को आज़माने से पहले आप किसी डायटीशियन या डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। यदि आप कोई ऐसा जॉब करते हैं जिसमें शारीरिक परिश्रम और थकान बहुत अधिक होती हो तो इस डाइट पर काफ़ी सोच-विचार कर ही चलें।

अपने विचार और अनुभव नीचे कमेंट करके अवश्य शेयर करें।

23 जून 2015

मोटापे को दावत देता नमक


शरीर में नमक की मात्रा जितनी अधिक होती है उतना ही अनावश्यक पानी शरीर में एकत्रित हो जाता है। कई बार लोगों में जो मोटापा दिखाई पड़ता है वह चर्बी से कम और शरीर में एकत्रित पानी की वजह से ज़्यादा दिखाई पड़ता है। क्योंकि पानी में नमी संग्रहित करने का गुण होता है। शरीर में एकत्रित अनावश्यक पानी (Water Weight) से निज़ात पाने के लिए आपको कम से कम नमक का सेवन करना चाहिए और साथ ही साथ अधिकतम मात्रा में पानी पीना चाहिए। मनुष्य समेत सभी जीवों के शरीरों में जीवन के लिए ज़रूरी पदार्थ भविष्य के लिए संग्रह करने की योग्यता होती है। यदि हम आवश्यकता से कम मात्रा में पानी पीते हैं तो स्वाभाविक ही शरीर भविष्य के लिए पानी संग्रह करने लगता है या यूँ कहें कि Storing Mode में आ जाता है। पर जब उसे यकीन हो जाता है कि पानी की कमी नहीं है तो वह अनावश्यक रूप से पानी का भण्डारण करना बंद कर देता है। इसलिए वज़न घटाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा पानी पियें और कम से कम नमक खाएं।

114 साल के बर्नान्डो की लम्बी आयु के 5 राज़


17 अगस्त 1901 को जन्में 114 के बर्नान्डो लापालो आज भी एकदम स्वस्थ और चुस्त दिखाई पड़ते हैं। इस उम्र में भी अपने सारे काम वे खुद ही करते हैं। उन्होंने ज़्यादातर शाकाहारी और प्राकृतिक आहार वाली जीवनशैली ही अपनाई है। फिर भी उनके मुताबिक इस लम्बी उम्र का राज़ बताते हुए वे कहते हैं कि इसका श्रेय वे 5 चीज़ों को देना चाहते हैं - 

1) शहद (Honey)

शहद में गुणकारी एंटीऑक्सीडेन्ट्स पाए जाते हैं जो कि कैंसर जैसे कई रोगों से बचाव करने में बहुत सक्षम हैं। साथ ही इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा की सेहत भी बनी रहती है।

2) दालचीनी (Cinnamon)

दालचीनी ब्लडशुगर और कॉलेस्ट्रोल को काम करती है।

3) लहसुन (Garlic)

लहसुन हाई ब्लडप्रेशर को काम करता है। साथ ही यह दिल की बीमारियों और कैंसर से बचाव में भी कारगर है। इसे कच्चा खाना ज़्यादा प्रभावी है।

4) जैतून का तेल (Olive Oil)

जैतून का तेल सिर्फ तब तक ही गुणकारी है जब तक उसे उबाला या गर्म ना किया जाए। यह भी दिल की बीमारियों से बचाता है।

5) चॉकलेट (Chocolate)

डार्क चॉकलेट में 70% तक कोको होता है। यदि इसका प्रयोग संयमित रूप से किया जाए तो यह आपकी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। चॉकलेट ना सिर्फ दिल की बीमारियों से लड़ने में सक्षम है पर यह स्ट्रैस एवं तनाव को काम करने में भी बहुत कारगार है।

नीचे दिए वीडियो में बर्नान्डो लापालो अपने जीवन के अनुभव साझा कर रहे है।