28 जून 2015

क्या आप पहले कभी दौड़ा करते थे और अब नहीं, वापसी आपकी उम्मीद से कहीं आसान है!



क्या आप पहले कभी दौड़ा करते थे और फिर जीवन की व्यस्तताओं के चलते बंद कर दिया? और अब यह सोच के सहस नहीं जुटा पाते कि फिर से नई शुरुआत करनी पड़ेगी जो कि एक थकाऊ और चुनौती भरा काम होगा। यदि आप ऐसा समझते हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है। जिस तरह से हमारे मस्तिष्क की याद्दाश्त होती है उसी तरह हमारी मांसपेशियों की भी याद्दाश्त होती है।

यदि आप सालों पहले भी कभी दौड़ा करते थे तो आपकी मांसपेशियों में अभी भी उसकी याद्दाश्त सुरक्षित है। इसका तात्पर्य यह है कि नए सिरे से शुरुआत करना भले ही आपको नया लगे लेकिन आपके शरीर के लिए यह पहली बार करने जैसा दुष्कर नहीं है।


इसके लिए आपको यह याद करने की ज़रूरत नहीं है कि दौड़ किस तरह लगाई जाये परन्तु आपको यह सोचना होगा कि कैसे अच्छी दौड़ लगाई जाए। इसके पीछे की थ्योरी यह है कि जब आप दौड़ा करते थे तब आपकी मांसपेशियाँ मजबूत होने की प्रक्रिया में आपका शरीर कुछ प्रोटीन बनाता था जिसमें मजबूत मांसपेशियों से सम्बंधित डीएनए होता था। दौड़ना बंद करने के बाद भी यह प्रोटीन आपके शरीर में मौजूद रहता है इसलिए जब भी आप दोबारा आप दौड़ना शुरू करना चाहें तो आपको आपकी सोच से बहुत काम परेशानी होगी।

इसलिए यदि ये सोच कर आप दौड़ना शुरू नहीं कर पा रहे हैं कि वो तो पहले की बात थी तो आज ही मन बना लीजिए। आपका शरीर इसके लिए तैयार है, ज़रुरत है आपके भी तैयार होने की!

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