6 फ़र॰ 2017

लाइलाज नहीं है गठिया, निश्चित लाभ के लिए करें ये उपचार

आम धारणा है कि गठिया अथवा arthritis रोग का कोई इलाज नहीं है। इस रोग में यूरिक एसिड बढ़ जाता है जिसके कारण रोगी को बहुत दर्द का अनुभव होता है। ऐलोपैथी में इसका इलाज नहीं है, पाश्चात्य चिकित्सा प्रणाली में इसमें डॉक्टर मरीजों को पेन किलर देते रहते हैं जिससे मरीज़ का थोड़ी राहत तो मिल जाती है लेकिन इससे रोग की गंभीरता और भी बढ़ती चली जाती है। इस रोग में हड्डियाँ भी टेढ़ी मेढ़ी हो जाती हैं जिससे रोगी का सामान्य रूप से चलना-फिरना आदि भी मुश्किल होता चला जाता है। इसके विपरीत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गठिया को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

निम्न प्रकार से चिकित्सा करने पर गठिया का रोगी स्वस्थ हो सकता है। ये सारे उपाय ऐसे हैं जिन्हें आसानी से घर पे ही  किया जा सकता है और इसके कोई साइड इफ़ेक्ट्स भी नहीं है।

गठिया रोग के घरेलू उपचार

1. मेथी गठिया या arthritis में बहुत प्रभावशाली है। किसी भी प्रकार से उपयोग करने पर इसमें फायदा होता है। चूँकि इसकी तासीर बहुत गरम होती है तो जिन्हें गर्मी अपच आदि की शिकायत हो रात को मेथी को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उसको खाली पेट खा लें।

2. हल्दी, मेथी और सौंठ सबको समान भाग में मिलाकर पीसकर रख लें और सुबह-शाम नित्य इसका 1-1 चम्मच सेवन करें। जिनको एसिडिटी या बवासीर की शिकायत हो तो वे इसका अल्प मात्रा में ही सेवन करें।

3. सुबह नित्य 1-2 कली लहसुन की नित्य खाएं।

4. गठिया रोग में मोथा घास के सेवन बहुत ही प्रभावकारी है। गठिया के मरीजों को इसे सुखाकर पाउडर कर रोज़ 1-2 चम्मच ना चाहिए।

5. एलोवेरा (घृतकुमारी या गंवारपाठा) का जूस भी गठिया में बहुत ही प्रभावकारी है।

गठिया का आयुर्वेदिक इलाज

6. किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर में योगराज, चंद्रप्रभा वटी एवं शिलाजीत रसायन उपलब्ध होती है। इन सभी की 1-1 गोली का नित्य सुबह-शाम अथवा रोग की गंभीरता के अनुसार 3 बार अर्थात सुबह-दोपहर-शाम लेना गठिया रोग में बहुत ही प्रभावकारी है। इन दवाओं का सेवन योग्य चिकित्सक के परामर्श के बाद ही प्रयोग करें।

7. गठिया रोग में अधिक दर्द होने पर दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ का सेवन रोगी को कराया जा सकता है जोकि पतंजलि स्टोर पर उपलब्ध रहती है।

गठिया रोग मे परहेज

गठिया रोग में परहेज़ का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। अच्छी से अच्छी औषधि भी तभी काम करती है जब पथ्य-कुपथ्य (परहेज़) का ध्यान रखा जाए।

इस रोग में रोगी को मीठे के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इससे शरीर की धमनियों में सूजन बढ़ती है। डेयरी प्रोडक्ट भी गठिया रोग में नहीं खाने चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद प्रोटीन ऊतकों को बढ़ाते हैं जिससे रोगी का दर्द और भी बढ़ जाता है। बहुत खट्टे फल, सॉफ्टड्रिंक एवं एल्कोहल का प्रयोग किसी भी दशा में गठिया के रोगियों को नहीं करना चाहिए।

इन प्रयोगों को करने से रोगी व्यक्ति गठिया जैसे रोग से मुक्ति पा जाता है। मेथी, हल्दी, सौंठ और एलोवेरा जूस ये सभी गठिया रोग का नाश करने वाले हैं। यदि इन उपायों को नित्य परहेज़ के साथ किया जाए तो कुछ ही समय में रोगी रोगमुक्त हो जाता है।

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