आयुर्वेद के अनुसार दिन के पहले भाग में ही दैनिक आवश्यकता का अधिकांश भोजन हमें ग्रहण कर लेना चाहिए अर्थात सुबह सबसे अधिक, दोपहर में उससे थोड़ा कम एवं संध्या अथवा रात्रि में कम से कम मात्रा में भोजन किया जाना चाहिए। ऐसा करने से ना सिर्फ वज़न कम करने में मदद मिलती है अपितु यह हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए ही अच्छा है।
इस तथ्य की पुष्टि आधुनिक शोधों से भी होती है। ख्यात जर्नल डायबिटोलोजिया में प्रकाशित एक शोध के अनुसार ऐसे मधुमेह के रोगी जो दिन में अधिक खाना खाते हैं एवं रात्रि में बिलकुल नहीं खाते अथवा कम खाते हैं ऐसे लोगों का वज़न कम बढ़ता है तथा इन्सुलिन का स्राव भी अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है।
परंतु आजकल की दिनचर्या तो कुछ ऐसी है कि सुबह-सुबह तो बस भागदौड़ ही मची रहती है। किसी को ऑफिस जल्दी पहुंचना है तो कोई अपनी मीटिंग के लिए लेट हो रहा होता है। इतनी सुबह बहुत कम ही लोगों का भोजन करने में मन लगता है। ऐसे में जल्दी भूख लगने का एक ही उपाय है वो है सुबह का वर्कआउट। सुबह थोड़ा जल्दी उठकर सबसे पहले यदि व्यायाम को आप अपनी आदत बना लेंगे तो सुबह भी आपको दोपहर या रात के समान ही भूख लगने लगेगी। इसके अलावा यदि आपने पिछली रात कम भोजन किया होगा तो सुबह भूख भी जल्दी लगेगी।
शाम होते-होते स्ट्रेस हार्मोन भी शरीर में इकठ्ठा होते चले जाते हैं और इस स्ट्रेस से निपटने के लिए लोग जंक फ़ूड अथवा चटपटे पदार्थ का सहारा लेते हैं और रात को पेट भरकर खाना खाकर सो जाते हैं। इससे शरीर में और भी अधिक कैलोरी जमा होती है। लेकिन यदि दिन भर में आपने पर्याप्त मात्रा में भोजन कर रखा है तो शाम को आपका फ़िज़ूल खाने का मन भी नहीं करेगा।
भोजन के अलावा बीच-बीच में स्नैकिंग से भी बचा जाना चाहिए। यदि कुछ खाने का मन करे तो ऐसे में आप सलाद अथवा ज्यूस पी सकते हैं।
जैसे हम बाकी कार्य योजबद्ध तरीके से करते हैं उसी प्रकार भोजन लेने की भी प्लानिंग की जानी चाहिए। हमेशा याद रखें की दिन की शुरुआत में अधिक एवं शाम होते-होते हमें कम मात्रा में कैलोरी लेनी चाहिए।
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